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अध्याय ‘‘चौका स्वरोदय‘‘ का सारांश
कबीर सागर में 21वां (इक्कीसवां) अध्याय ‘‘चौंका स्वरोदय‘‘ पृष्ठ 81 (927) पर है। इस अध्याय में परमेश्वर जी ने मुख्य बात यह कही है कि सारनाम का स्मरण प्राणायाम विधि से किया जाता है। श्वांस-उश्वांस से नाम जाप करने से मोक्ष प्राप्ति होती है। शेष तो मिलावटी तथा बनावटी बाते हैं जो चैके की विधि लिखी है। यह धर्मदास के वंशजों की करामात है।